Fish Fry और दरवाज़े बस यही जीवन है…

May 13, 2016     / / / / / /

…और हँसना पेट पकड़ कर, तालियाँ मारना, कुछ सीटियाँ और फिर अचानक घबराना यह सोचकर क़ि कहीँ आप सीट से नीचे तो नहीं लुढ़क गये…. हाय ये होंगे आपके जीवन के कुछ शानदार, जानदार पल जब आप Naatak की 53rd पेशकश “Noises Off” देखेंगे. Harish Sunderam Agastya के बेहतरीन निर्देशन में एक *farce* Bay Area आई है. Manish Sabu ने कुछ नये अंदाज़ में अनुवाद किया है Michael Frayn के नाटक का. सेट 180 degrees घूर्णन करता है और साथ साथ दिमाग़ भी घूम जाता है. सारे अभिनेता फिसलते, गिरते, बोलते, चलते, उठते, फिर गिरते, चलते, फिसलते, दौड़ते, भागते, दरवाज़े खोलते, बंद करते, फिर खोलते, खोलते – नहीं; बंद करते, अरे खोलते, या फिर बंद करते, छिपते छिपाते, 72 Fish Fries ढूंढते, खाते, नहीं सिर्फ़ ढूंढते शायद, नहीं असल में उछालते, खुद भी उछलते नज़र आते हैं….

और आप …आप तो कुर्सी से नीचे ज़मीन पर लोटते हुए नज़र आते हैं…

“Fish Fry और दरवाज़े बस यही जीवन है”, यक़ीनन. खुद ही देख लीजिए. अब भी मौका है कुर्सी से लुढ़कने का. फिर ना कहना हमने बताया नहीं

In a perfect world there will be many many reruns of this show!
Take a Bow Team NoisesOff, what an enthralling Production, this is!
May the Farce be with you! Always!

Noises Off

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